Monday, 6 November 2017

जानिये खान-पान से जुड़ी प्रचलित धारणाओं के पीछे क्या है सच्चाई

जानिये खान-पान से जुड़ी प्रचलित धारणाओं के पीछे क्या है सच्चाई 
अगर आप खाने-पीने के शौक़ीन हैं तो आप बिलकुल सही जगह पर हैं।
पढ़िए पूरी कहानी और जानिए सच और भ्रम के बीच का अंतर, बिलकुल स्पष्ट और तथ्यों के साथ। किसी भी खाने या पीने की चीजों को लेकर लोगो के मन में आमतौर पर ये सवाल रहता है कि इसे खायें या नहीं। हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको पूरी जानकारी देंगे, पूरे विवरण के साथ।

1. अंडे कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाता है

1. अंडे कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाता है
ऐसा माना जाता है कि अंडा खाने से कॉलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जो मानव शरीर के लिए नुकसानदेह होता है। जबकि तथ्य यह है कि अंडा में डाइटरी (Dietary) कॉलेस्ट्रॉल होता है जिससे मानव शरीर के अंदर कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा नगण्य मात्रा में बढ़ती है। इससे कॉलेस्ट्रॉल के अधिक बढ़ जाने का कोई ख़तरा नहीं होता। 

2. केला और सेब आयरन की वजह से भूरे होने लगते हैं

2. केला और सेब आयरन की वजह से भूरे होने लगते हैं
केला और सेब के बारे में आम धारणा यह है कि इसमें लौह (iron) की अधिकता होती है, जबकि तथ्य बिलकुल इससे परे है।
सेब :-  लौह (0.7 mg/100 gm) 
केला :-  लौह (0.4 mg/100 gm)
उपरोक्त आँकड़ों से समझा जा सकता है कि लौह की कितनी कम मात्रा होती है इन दोनों फलों में। 

3. ज़्यादा घी नहीं खाना चाहिए!

3. ज़्यादा घी नहीं खाना चाहिए!

ऐसी मान्यता है कि ज़्यादा मात्रा में घी खाने से शरीर को नुकसान होता है, जबकि ऐसा नहीं है। हम इस बात को इस तरह समझ सकते हैं कि जब हमें कुछ तला हुआ खाने का मन करता है तो हम तेल में तल कर खाते हैं, बनस्पत इसके कि हम घी में तल के खा सकते हैं। घी में K2 और CLA (Conjugated Linoleic Acid) होता है जिसमें Antioxidant और Anti Viral प्रॉपर्टी होती है। बशर्ते घी देसी गाय के दूध से तैयार किया गया हो, वैसी देसी गाय जिसे चारे के रूप में घास खिलाया जाता हो।

4. आठ ग्लास पानी पीना, एक ज़रुरत है मानव शरीर के लिए

4. आठ ग्लास पानी पीना, एक ज़रुरत है मानव शरीर के लिए

एक और ग़लत अतार्किक मान्यता। मानव शरीर की बनावट बहुत जटिल है, जिसे पूरी तरह से समझना विज्ञान के लिए अब तक संभव नहीं हो पाया है। हर इंसानी शरीर की अलग जरूरते हैं, तथापि ऐसा कहना उचित नहीं होगा कि सभी इंसानों को 8 ग्लास पानी पीने की आवश्यकता होती है। 

5. कार्बोहाइड्रेट से मोटापा बढ़ता है

5. कार्बोहाइड्रेट से मोटापा बढ़ता है

Jean Harvey-Berino, Ph.D., R.D [The EatingWell Diet (Countryman, 2007) पुस्तक के सह-लेखक] के मुताबिक कैलोरीज़ की अधिकता मोटापा को बढ़ाने में सहायक है। हालाँकि गुड-कार्ब और बैड-कार्ब दो अलग चीज़े हैं। बहुत से गुड-कार्ब रोज़ाना की ज़रुरत है जिसे लेना बंद नहीं किया जा सकता।

6. माइक्रोवेव के अंदर रखा खाना ख़तरनाक़ होता है

6. माइक्रोवेव के अंदर रखा खाना ख़तरनाक़ होता है
माइक्रोवेव के अंदर रखा खाना माइक्रोवेव किरणों से नहीं, बल्कि उससे उत्पन्न तीव्र-तापमान से पकता है। बस इतना ख़्याल रखना होता है कि जिस कंटेनर में हम खाना पका रहे हैं वो माइक्रोवेव के लिए बना हुआ हो। किसी भी नॉर्मल बर्तन के इस्तेमाल से बचना चाहिए।

7. ब्रांडेड, पैक्ड आटा शुद्ध और अच्छा होता है

7. ब्रांडेड, पैक्ड आटा शुद्ध और अच्छा होता है
एक भ्रम यह भी है कि आटा, बंद पैकेट में हो तो ज़्यादा अच्छा और शुद्ध होता है। जबकि तथ्य यह है कि आटा ताज़ा पिसा हुआ होना चाहिए। आयुर्वेद के ज्ञाता, महर्षि चरक ने 'चरक संहिता' में कहा है, आटा एक हफ़्ते से पुराना नहीं होना चाहिए। महिलाओं के पैरों में जो जॉइंट्स पेन होता है वो भी ज़्यादा पुराना आटा खाने की वजह से होता है।

8. मिनरल वाटर ही पीना चाहिए

8. मिनरल वाटर ही पीना चाहिए

आम धारणा है कि हमेशा मिनरल वाटर पीना चाहिए। जबकि तथ्य यह है कि मिनरल वाटर प्लास्टिक बंद बोतलों में आता है जो शरीर के लिए नुकसानदेह है। पानी पीने का सबसे अच्छा तरीका है लोटे में पानी पीना, चापाकल (handpump) का पानी पीना। लोटे से पानी पीने का फायदा यह है कि लोटा गोल होता है, किसी भी गोल बर्तन का सरफेस टेंशन सबसे कम होता है और उसकी वजह से पानी अपनी गुणवत्ता के अनुकूल उस प्रॉपर्टी को अपना लेती है; जिससे पानी का सरफेस टेंशन सबसे कम हो जाता है। मानव शरीर को जितना कम सरफेस टेंशन वाला पानी मिले उतना अच्छा होता है, यह पाचन क्रिया में सहायक सिद्ध होता है। 

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